प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने हाल ही में “नौबत डाटा सेंटर योजना” की शुरुआत की है, जिसका उद्देश्य भारत में डेटा स्टोरेज और प्रोसेसिंग इंफ्रास्ट्रक्चर को मजबूत बनाना है। इस योजना के तहत देशभर में उच्च क्षमता वाले डेटा सेंटर स्थापित किए जाएंगे जो डिजिटल डेटा की सुरक्षा, प्रबंधन और प्रोसेसिंग में सहायक होंगे।
योजना की मुख्य बातें:
- डेटा सेंटर का निर्माण:
- योजना के अंतर्गत भारत के विभिन्न हिस्सों में आधुनिक और उच्च तकनीक वाले डेटा सेंटर स्थापित किए जाएंगे। ये डेटा सेंटर अत्याधुनिक सुविधाओं से लैस होंगे जो बड़े पैमाने पर डेटा को स्टोर और प्रोसेस कर सकें।
- डिजिटल इंफ्रास्ट्रक्चर:
- यह योजना भारत की डिजिटल इंफ्रास्ट्रक्चर को सशक्त करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है। डेटा सेंटर का निर्माण भारत की डिजिटल अर्थव्यवस्था को मजबूत बनाने और देश में डेटा प्रबंधन की क्षमता बढ़ाने में सहायक होगा।
- साइबर सुरक्षा:
- योजना के तहत डेटा सेंटर में डेटा की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए अत्याधुनिक साइबर सुरक्षा उपायों को लागू किया जाएगा। इससे डेटा की चोरी और हैकिंग की घटनाओं को कम किया जा सकेगा।
- स्थानीय रोजगार:
- डेटा सेंटर के निर्माण और संचालन से स्थानीय स्तर पर रोजगार के अवसर पैदा होंगे। इससे विभिन्न क्षेत्रों में तकनीकी और गैर-तकनीकी दोनों प्रकार के रोजगार सृजित होंगे।
- आर्थिक लाभ:
- इस योजना से भारत की डिजिटल अर्थव्यवस्था को बढ़ावा मिलेगा, जिससे विदेशी निवेश और व्यापारिक अवसरों में वृद्धि होगी। इसके साथ ही, स्थानीय व्यवसायों को भी डेटा प्रबंधन और स्टोरेज की बेहतर सेवाएं उपलब्ध होंगी।
- सर्वेक्षण और निगरानी:
- डेटा सेंटर की स्थापना के बाद, उनकी कार्यक्षमता और सुरक्षा पर निरंतर निगरानी रखी जाएगी। इसके लिए एक निगरानी तंत्र स्थापित किया जाएगा जो डेटा सेंटर की स्थिति और प्रदर्शन की नियमित जांच करेगा।
संभावित लाभ:
- डिजिटल निर्भरता में कमी: देशभर में डेटा सेंटर के नेटवर्क के विस्तार से भारत की डिजिटल निर्भरता और डेटा सुरक्षा में सुधार होगा।
- तकनीकी विकास: इस योजना से तकनीकी विकास को बढ़ावा मिलेगा और नई तकनीकों के अपनाने की गति तेज होगी।
- आर्थिक वृद्धि: डेटा सेंटर उद्योग के विकास से देश की अर्थव्यवस्था को भी सकारात्मक प्रभाव पड़ेगा, क्योंकि यह निवेश और विकास के नए अवसर उत्पन्न करेगा।
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की यह पहल भारत को डिजिटल युग में एक प्रमुख स्थान पर स्थापित करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है। इस योजना के सफल कार्यान्वयन से भारत की डिजिटल बुनियादी ढांचे को मजबूत बनाने में सहायता मिलेगी और एक सुरक्षित और सक्षम डिजिटल वातावरण का निर्माण होगा।