हरियाणा सरकार ने पराली जलाने की समस्या को नियंत्रित करने और पर्यावरण को स्वच्छ बनाने के लिए “हरियाणा पराली प्रोत्साहन योजना 2024-25” की शुरुआत की है। यह योजना न केवल वायु प्रदूषण को कम करने में मददगार है, बल्कि किसानों को पराली प्रबंधन के नए और पर्यावरण-अनुकूल तरीकों को अपनाने के लिए प्रेरित भी करती है। आइए इस योजना की विस्तृत जानकारी पर नज़र डालते हैं।
हरियाणा पराली प्रोत्साहन योजना का उद्देश्य
इस योजना का मुख्य उद्देश्य पराली जलाने से होने वाले वायु प्रदूषण को रोकना और किसानों को पराली प्रबंधन के बेहतर विकल्प प्रदान करना है। पराली जलाने से स्वास्थ्य, फसल की उपज और पर्यावरण पर गंभीर नकारात्मक प्रभाव पड़ते हैं।
योजना के लाभ
- किसानों को पराली प्रबंधन के लिए वैकल्पिक उपकरण जैसे बेलर, मलचर आदि की उपलब्धता।
- पराली को खाद या जैविक उर्वरक में बदलने के लिए प्रोत्साहन राशि।
- पर्यावरण-अनुकूल तकनीकों और समाधानों के लिए किसानों को जागरूक करना।
- पराली प्रबंधन में खर्च कम करने के लिए सहायता।
पात्रता मानदंड
- केवल हरियाणा राज्य के किसानों को इस योजना का लाभ मिलेगा।
- किसान के पास खेती के लिए खुद की भूमि होनी चाहिए।
- किसानों को पराली जलाने की बजाय सरकार द्वारा सुझाए गए वैकल्पिक उपाय अपनाने होंगे।
आवश्यक दस्तावेज
- आधार कार्ड
- जमीन का स्वामित्व प्रमाण पत्र
- बैंक खाता विवरण
- पहचान प्रमाण (जैसे पैन कार्ड, वोटर आईडी)
- पराली प्रबंधन उपकरणों की खरीद से जुड़े दस्तावेज
पंजीकरण प्रक्रिया
- कृषि विभाग की आधिकारिक वेबसाइट पर जाएं।
- रजिस्ट्रेशन फॉर्म भरें और मांगी गई जानकारी दर्ज करें।
- आवश्यक दस्तावेज अपलोड करें।
- आवेदन फॉर्म सबमिट करें और पावती प्राप्त करें।
योजना का महत्व
हरियाणा पराली प्रोत्साहन योजना न केवल वायु प्रदूषण में कमी लाने में सहायक है, बल्कि किसानों की आय में भी सुधार करती है। यह योजना किसानों को जागरूक और सशक्त बनाती है, जिससे वे आधुनिक और पर्यावरण-अनुकूल तकनीकों को अपना सकें।
हरियाणा सरकार की यह पहल पर्यावरण संरक्षण और किसानों के हितों को एक साथ साधने का एक प्रभावी उदाहरण है।